पुणे शहर में राशन दुकानदार के 6 लाख के जुर्माने को 5 हजार तक के कम करने का विश्वजीत कदम का अजीबोगरीब आदेश
अध्यन से कई बातों के छुपाने के संकेत मिले।
अगर ऐसे आदेश हो रहे हैं तो क्या दुकानदारों को उन के गलती पर जुर्माना कम होता रहे..?
पुणे मेट्रो लाईव्ह :
अन्वरअली शेख :
पुणे शहर में राशन दुकानदारों से अनाज की चोरी कोई नई बात नहीं है..? आज कल हम कई जगहों पर खुली आँखों से देख रहे हैं, जबकि कई अखबारों में इस बारे में खबरें छपती रहती हैं, उसी तरह भवानी पेठ में एक सस्ते अनाज दुकानदार पर अनाज (ग्राहकों को अनाज कम करने) का आरोप लगाया गया था। आपूर्ति अधिकारियों की ओर से लाखों रुपये का जुर्माना लगाया।
लेकिन कहा जाता है कि राज्य के पूर्व मंत्री ने उस कार्रवाई पर सारा पानी फेर दिया है. दरअसल डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर विकास सहकारी उपभोक्ता संस्था लाइसेंस संख्या बी"35 और बी" 77 दुकान भवानी पेठ काशेवाड़ी में एक व्यक्ति द्वारा चलाई जाती है और उन सस्ते अनाज की दुकानों का निरीक्षण आपूर्ति निरीक्षक द्वारा 28 जनवरी 2021 को किया गया था।
इसमें 22 त्रुटियां पाई गईं, वजन माप प्रमाणित नहीं किया गया और दोनों दुकानों के लाइसेंस संख्या बी'35 और बी' 77 इस्मा अनिल डांगी के स्वामित्व वाली दुकानों में बिना लाइसेंस के अनाज उतारते पाए गए। साथ ही उक्त दुकान को सील कर दिया गया जिसमें पाया गया कि इस्मा अली शेख के शेड में बिना लाइसेंस के ही अनाज का वितरण एवं भंडारण स्वीकृत स्थान पर बिना लाइसेंस के किया जा रहा था.*
6 लाख 26 हजार 680 मुआवजे के आदेश दिए गए।
उक्त दुकान को रद्द कर दिया गया। उक्त दुकानदार ने जब खाद्यान्न वितरण अधिकारी एवं आपूर्ति उपायुक्त से अपील की तो निष्कर्ष निकला कि उक्त कार्रवाई सही है तथा जुर्माना वसूल करने का आदेश दिया गया है.
दुकानदार ने तत्कालीन राज्य मंत्री विश्वजीत कदम के पास अपील दायर की। इसकी सुनवाई 12 अप्रैल 2022 को हुई थी, उस सुनवाई में राज्य मंत्री ने दस्तावेजों को पूरी तरह से देखने के बजाय एक अप्रत्यक्ष सफाई दी और उनकी कार्रवाई ने पुणे शहर के खाद्य और अनाज वितरण कार्यालय में और शहर के लोगो मे आदेश पर टिप्पणी भरी चर्चा शुरू कर दी है।
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