पुणे मेट्रो लाईव्ह :
कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे लंबे अर्से से पार्टी से नाराज चल रहे थे। वे पार्टी के अंदर बदलाव की मुहिम चलाने के समर्थक माने जाते थे। आजाद ने कुछ दिन पहले प्रचार समिति से भी इस्तीफा दे दिया था। आजाद ने पांच पेज का इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा है। उन्होंने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा-बहुत अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना रिश्ता तोड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में इस बात का उल्लेख किया है कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।
गुलाम नबी आजाद की गिनती पार्टी के बेहद सीनियर नेताओं में होती थी और वे गांधी परिवार के बेहद करीबी नेताओं में एक माने जाते थे। लेकिन 2019 के बाद से पार्टी के अंदर बदलाव की आवाज उठने लगी और फिर जी-23 ग्रुप का उभार हुआ। इसमें वो नेता शामिल थे जो पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन की मांग उठा रहे थे। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद भी बेहद मुखर थे। इससे गांधी परिवार से उनकी दूरी बढ़ती जा रही थी।गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी जब उन्होंने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी यह चाहती थीं कि कांग्रेस गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़े। इसलिए आजाद को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन कुछ घंटे के बाद ही आजाद ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी वक्त से सियासी गिलयारों में आजाद को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
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